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प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन बेनिफिट वापस लाई सरकार, लेकिन फंसा दिया एक पेंच? समझें घर मालिकों को वाकई होगा फायदा

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नई दिल्ली:

सरकार रियल स्टेट पर इंडेक्सेशन बेनिफिट हटने से हताश हो चुके घर मालिकों को राहत देने जा रही है. बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) ने टैक्‍स (Property Tax) से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं. इनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव रियल एस्टेट (Real Estate) लेनदेन को लेकर भी था. इन बदलावों में इंडेक्सेशन (Indexation) बेनिफिट को हटा दिया गया था. LTCG टैक्‍स  (Long Term Capital Gain Tax)को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया था. इंडेक्सेशन एक ऐसा सिस्टम है, जिसके तहत किसी प्रॉपर्टी की खरीद कीमत पर महंगाई के असर को एडजस्ट किया जाता है. हालांकि, अब सरकार ने इंडेक्सेशन को लेकर LTCG सिस्टम के तहत टैक्सपेयर्स को दो ऑप्शन देने के लिए फाइनेंस बिल में संशोधन पेश किया है. आइए समझते हैं नए संशोधन से टैक्स पेयर्स और प्रॉपर्टी के मालिकों को कितना फायदा होगा और कितना नुकसान:-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को लोकसभा में फाइनेंस बिल पर संशोधन पेश किया. इस संशोधन के मुताबिक, अगर कोई भी प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई है, तो टैक्सपेयर्स को इसके लिए दो ऑप्शन मिलेंगे. पहला- टैक्सपेयर्स को 12.5% टैक्स देना होगा. लेकिन इसमें इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा. दूसरा- अगर इंडेक्सेशन का फायदा लेना है, तो इसके लिए टैक्स पेयर्स 20% टैक्स स्लैब को चुन सकेंगे. हालांकि, इस संशोधन में एक फेर है. इंडेक्सेशन के लिए 2 ऑप्शन उन्हीं लोगों को मिलेंगे, जिन्होंने प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी है. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 23 जुलाई को ही सरकार ने बजट 2024 पेश किया था, जिसमें सरकार ने रियल एस्टेट से इंडेक्सेशन बेनेफिट हटा दिया था. मंगलवार को फाइनेंस बिल 2024 में संशोधन पेश कर इसे वापस लाया गया है. आम बजट में केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स रेट को घटाकर 12.5% कर दिया था, लेकिन इसके साथ मिलने वाले इंडेक्सेशन के फायदे को खत्म कर दिया था. 

इंडेक्सेशन को समझिए
आसान भाषा में महंगाई के हिसाब से रेट को एडजस्ट करने के प्रोसेस को इंडेक्सेशन कहते हैं. इंडेक्सेशन एसेट या इन्वेस्टमेंट के ओरिजिनल पर्चेज प्राइस को एडजस्ट करने की प्रक्रिया है. इसका मतलब ये है कि प्रॉपर्टी को जिस रेट पर खरीदा गया है, उसकी कीमत को बेचते समय महंगाई के हिसाब से एडजस्ट किया जाता है. ताकि महंगाई का बोझ टैक्सपेयर पर न पड़े.

STCG और LTCG क्या है?
इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से अगर कोई प्रॉपर्टी खरीदने के 3 साल के अंदर बेच दी जाती है, तो इससे होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) कहते हैं. जबकि अगर प्रॉपर्टी खरीदकर उसे 3 साल तक होल्ड करते हैं और 3 साल बाद बेचते हैं, तो इनपर होने वाले मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है.

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नए संशोधन से कितना फायदा, कितना नुकसान?
फाइनेंस बिल में इंडेक्सेशन बेनिफिट को लेकर हुए संशोधन से टैक्स पेयर्स और प्रॉपर्टी मालिकों को क्या फायदा होगा, ये समझने के लिए NDTV ने नेफोवा के वाइस प्रेसिडेंट दिनकर पांडे और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट कुमार मिहिर से बात की. एडवोकेट कुमार मिहिर ने बताया, “बजट 2024 आने के बाद से इंडेक्सेशन को लेकर काफी डिमांड की जा रही थी. रियल एस्टेट एक लॉन्ग टर्म इंवेस्टेमेंट होता है. मिडिल क्लास अपने सालों की कमाई को रियल एस्टेट में डालता है. जब उसपर इंडेक्सेशन रिलीफ हटाया गया था तो टैक्स पेयर्स और प्रॉपर्टी मालिकों को मायूसी हुई. कैपिटल गेन्स टैक्स का डिफरेंस बहुत ज्यादा था. इससे मिडिल क्लास पर बोझ बढ़ रहा था. अगर संशोधन नहीं होता, तो घर के मालिक ब्लैक मनी में अपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए या कम रेट दिखाकर उसे हाई रेट में बेचने की तरफ जाते. इसलिए संशोधन की जरूरत थी. निश्चित तौर पर इससे टैक्स पेयर्स को फायदा होगा.”

नेफोवा के वाइस प्रेसिडेंट दिनकर पांडे कहते हैं, “बेशक सरकार ने संशोधन किया है. लेकिन इसपर कटऑफ भी लगा दिया गया है. यानी इंडेक्सेशन के लिए 2 ऑप्शन उन्हीं लोगों को मिलेंगे, जिन्होंने प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी है. इसी दिन बजट पेश हुआ था. मुझे लगता है कि ये सही नहीं हुआ. इंडेक्सेशन को लेकर तो सभी को राहत देनी चाहिए. उसकी क्या गलती, जिसने 23 जुलाई 2024 के बाद कोई प्रॉपर्टी खरीदी है? साथ में वो टैक्स भी भर रहा है.”

दिनकर पांडे बताते हैं, “Annexure part B के पॉइंट D में प्रॉपर्टी ट्रांसफर को बताया गया है. इसमें कहा गया है कि कोई भी गिफ्ट, डिड्स या ट्रस्ट को ट्रांसफर होने वाली सभी प्रॉपर्टी (अगर वो अविभाजित हिंदू परिवार से जुड़ा नहीं है) का ट्रांसफर कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आएगा. D7 में जिक्र किया गया है कि जितनी भी अचल संपत्ति है, उन सब पर TDS लगेगा.” 

प्रॉपर्टी के इंडेक्सेशन पर क्या कदम पीछे खीचेंगी सरकार? निर्मला सीतारमन ने दिया ये जवाब

दिनकर पांडे कहते हैं, “कुल मिलाकर समझने वाली बात ये है कि जितनी अचल संपत्ति है, कैपिटल एसेट है… ये सब मिडिल क्लास कहां से खरीदता है? जाहिर तौर पर ये किसी इंडिविजुअल से तो खरीदे नहीं जाते या कहीं से ट्रांसफर तो नहीं होते. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सबका टैक्स कटेगा? अगर ये दायरा बढ़ा है, तो क्या इंडेक्सेशन के साथ बेनिफिट का दायरा बढ़ेगा. मेरी समझ से ये जो नया रूल बना है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. एक तरफ बेनिफिट लेने के लिए ऑप्शन देते हैं और दूसरी तरफ 23 जुलाई 2024 का कटऑफ लगा देते हैं.”

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गौतम अडानी कब होंगे रिटायर? कंपनी ने शेयर मार्केट को दी जानकारी, कहा- खबरों में…

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नई दिल्ली. अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने 210 अरब डॉलर के अपने कारोबार समूह से रिटायर होने और उसकी कमान अपने बेटों एवं भतीजों को सौंपने को लेकर कोई समयसीमा तय नहीं की है. समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजारों को इससे अवगत कराया है. कंपनी ने कहा कि एक मीडिया रिपोर्ट में गौतम अडानी के उत्तराधिकारी वाले बयान का गलत मतलब निकाला गया है.

अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा, “हाल ही में एक इंटरव्यू में गौतम अडानी ने कारोबार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराधिकार की योजना पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि उत्तराधिकार केवल एक घटना नहीं है, बल्कि एक यात्रा है, और यह नेचुरल, क्रमवार और व्यवस्थित तरीके से होनी चाहिए.” कंपनी के मुताबिक, जैसा रिपोर्ट में कहा गया है उस तरह से गौतम अडानी ने अपनी रिटायरमेंट के लिए 70 वर्ष की उम्र निर्धारित नहीं की थी. कंपनी ने कहा, अडानी ने सेवानिवृत्ति की कोई तारीख या समय नहीं तय किया है…उन्होंने समूह के विभिन्न व्यवसायों में अपने दो बेटों और दो भतीजों की भागीदारी का उल्लेख किया था.”

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क्या था मामला?
‘ब्लूमबर्ग न्यूज’ ने पांच अगस्त की रिपोर्ट में कहा था कि 62 वर्षीय अडानी 70 वर्ष की आयु में पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं. इस रिपोर्ट में अडानी के हवाले से कहा गया था, “कारोबार की स्थिरता के लिए उत्तराधिकार बहुत महत्वपूर्ण है. मैंने यह विकल्प दूसरी पीढ़ी पर छोड़ दिया क्योंकि बदलाव मूलभूत, क्रमिक और बेहद व्यवस्थित होना चाहिए.’ इस रिपोर्ट में अडानी के बेटों- करण (37) एवं जीत (26) के अलावा भतीजों प्रणव (45) एवं सागर (30) को संभावित उत्तराधिकारी के रूप में बताया गया. इस मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी के रिटायर होने पर चारों उत्तराधिकारी फैमिली ट्रस्ट के समान लाभार्थी बन जाएंगे. पारिवारिक ट्रस्ट आठ विदेशी कंपनियों और एक घरेलू स्तर पर गठित फर्म के साथ अडानी एंटरप्राइजेज को नियंत्रित करता है.

कोई तारीख नहीं
अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार को अडानी की सेवानिवृत्ति या उत्तराधिकार योजना के लिए कोई तारीख नहीं बताई. इसके साथ ही उसने कहा कि अडानी को पारिवारिक ट्रस्ट में उत्तराधिकारियों और समान लाभकारी हितों के बारे में गलत तरीके से उद्धृत किया गया है. अडानी ने वर्ष 1988 में एक जिंस कारोबारी के तौर पर अपना सफर शुरू किया था और कुछ दशकों में ही अडानी समूह का बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सड़कों, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली संचरण, गैस वितरण, रियल एस्टेट, एफएमसीजी, सीमेंट, डेटा सेंटर और मीडिया व्यवसाय तक प्रसार हो गया.

Tags: Business news, Gautam Adani

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किसी में दम नहीं ₹12000 में दे दे 108MP कैमरे वाला ‘बाहुबली’ फोन, सस्ते में इतनी बड़ी रैम मिलना भी मुश्किल

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पोको M6 प्लस को पिछले हफ्ते लॉन्च किया गया था. आज इस फोन को पहली बार सेल में उपलब्ध कराया जा रहा है. सेल की शुरुआती दोपहर 12 बजे होगी और यहां से ग्राहक फोन को 11,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर घर ला सकेंगे. फोन को खरीदने के लिए अगर ग्राहक HDFC बैंक, ICICI बैंक, SBI कार्ड का इस्तेमाल करेंगे तो 1,000 रुपये का डिस्काउंट मिल जाएगा. इसके अलावा एक्सचेंज ऑफर पर भी 1,000 रुपये का डिस्काउंट पाया जा सकेगा. फोन ग्लास बैक डिज़ाइन और 108 मेगापिक्सल कैमरे जैसे फीचर्स के साथ आता है. अगर आप भी कम दाम वाला कोई धाकड़ फोन खरीदने की सोच रहे थे तो आपके लिए ये फोन अच्छा साबित हो सकता है.

पोको M6 प्लस 5G में 6.79 इंच का फुल HD+ डिस्प्ले दिया जाता है, जो कि 2,400 x 1,080 पिक्सल रेजोलूशन के साथ आता है. फोन का डिस्प्ले 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट और कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन के साथ पेश किया जाता है.

ये फोन स्नैपड्रैगन 4 जेन 2 AE  SoC से लैस है, और इसे 8GB रैम और 128GB स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है. फोन के साथ ग्राहकों को 8GB की वर्चुअल रैम दी जाती है. ये फोन एंड्रॉयड 14 पर बेस्ड HyperOS के साथ आता है और दो एंड्रॉइड अपडेट और चार साल के सिक्योरिटी अपडेट का सपोर्ट करता है.

कैमरे के तौर पर पोको M6 प्लस 5G में डुअल रियर कैमरा सेटअप दिया जाता है, जिसमें 3x इन-सेंसर ज़ूम सपोर्ट के साथ 108-मेगापिक्सल का प्राइमेरी सेंसर और 2-मेगापिक्सल का मैक्रो सेंसर मिलता है. सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फोन के फ्रंट में 13 मेगापिक्सल का कैमरा दिया जाता है.

पावर के लिए Poco M6 Plus 5G में 33W वायर्ड फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 5,030mAh की बैटरी दी जाती है. कनेक्टिविटी के लिए फोन में 5G, 4G LTE, डुअल-बैंड Wifi और यूएसबी टाइप-C कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है. सिक्योरिटी के लिए इस फोन में साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है. फोन को धूल और पानी से बचाने के लिए IP53 रेटिंग दी जाती है.

फोन का साइज़ 168.6 x 76.28 x 8.3mm और वजन 205 ग्राम है. फोन को 13,499 रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया है, जो कि इसके 6जीबी, 128जीबी वेरिएंट की कीमत है. लेकिन ऑफर के तहत पहली सेल में इसे सिर्फ 11,999 रुपये में घर लाया जा सकता है.

Tags: Mobile Phone, Tech news

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Bitcoin Bulls Remain Optimistic Despite Recent Rout

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Bitcoin (BTC-USD) has faced a significant pullback, plunging as much as 20% over the weekend to below $50,000—a level not seen since February. However, the cryptocurrency has since rebounded by approximately $6,000, though it remains down 14% over the past week.

Despite this downturn, Bitcoin enthusiasts are maintaining their bullish forecasts. MarketVector’s Martin Leinweber believes that Bitcoin could surpass its previous all-time high of $74,000, potentially reaching between $80,000 and $100,000 by the end of 2024. Onramp Bitcoin’s Mark Connors also reaffirmed his earlier prediction of Bitcoin hitting $110,000 in 2024.

Bitwise Asset Management’s Matt Hougan echoed the optimism, emphasizing that Bitcoin investors are long-term holders, resistant to short-term market fluctuations.

Skeptics, however, have raised concerns about Bitcoin’s performance as a haven asset. Critics argue that Bitcoin’s recent behavior mirrors that of risk assets like technology stocks, challenging its narrative as an uncorrelated store of value.

The recent market correction appears to be linked to broader financial movements, including shifts in the US dollar’s strength relative to the Japanese yen. Additionally, Bitcoin ETFs experienced significant net outflows of $168 million on Monday, with trading volumes doubling compared to previous days.

Fundstrat Global Advisors remains confident, projecting Bitcoin could reach $126,000 in 2024. They view the recent decline as a minor setback rather than a market peak.

As Bitcoin continues to experience volatility, market participants will be closely watching trading flows and the impact of new Bitcoin exchange-traded funds managed by major Wall Street firms.

Featured Image: Freepik

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बारिश में भीगते हुए ऑफिस जाने से बेहतर है खरीद लें नई Swift, अगस्त में मिल रही है इतनी बड़ी छूट

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नई दिल्ली. Maruti Suzuki Arena डीलर्स द्वारा इस महीने Alto K10, S-Presso, Wagon R, Celerio, Dzire साथ ही नई Swift पर कैश डिस्काउंट और एक्सचेंज बोनस दिया जा रहा है. इस महीने Ertiga एक मात्रा कार है जिस पर कोई छूट नहीं दी जा रही है. हालांकि, आपको बता दें कि ये ऑफर्स और डिस्काउंट्स अलग-अलग शहर में अलग-अलग हो सकते हैं. साथ ही ये स्टॉक पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में ऑफर्स की जानकारी के लिए अपने नजदीकी डीलर से जाकर मिलें.

ऑटोकारइंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नई जनरेशन की Swift अब मैनुअल वेरिएंट पर 28,100 रुपये तक और ऑटोमैटिक वेरिएंट पर 33,100 रुपये तक की छूट के साथ उपलब्ध है, जो पिछले महीने उपलब्ध 15,000 रुपये की छूट से ज्यादा है. वहीं, पिछली जनरेशन की स्विफ्ट के अनसोल्ड स्टॉक पर पेट्रोल वेरिएंट पर 28,100 रुपये और CNG वाले वेरिएंट पर 18,100 रुपये की छूट दी जा रही है.

पिछले महीने की तरह ही, डीलर मारुति Dzire के ऑटोमैटिक वेरिएंट पर 30,000 रुपये और मैनुअल वेरिएंट पर 25,000 रुपये तक के बेनिफिट्स दे रहे हैं. हालांकि, CNG वेरिएंट पर कोई ऑफर नहीं है. मारुति त्योहारी सीजन के आसपास भारत में नेक्स्ट-जनरेशन Dzire लॉन्च करने की तैयारी कर रही है.

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इसी तरह अगस्त के महीने में Alto K10 पर मैक्जिमम डिस्काउंट ऑटोमैटिक वेरिएंट के लिए 50,100 रुपये, मैनुअल के लिए 45,100 रुपये और CNG ऑप्शन्स के लिए 43,100 रुपये है. इसमें 1.0-लीटर, थ्री-सिलेंडर नैचुरली एस्पिरेटेड 67hp पेट्रोल इंजन है, जो 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और ऑप्शनल AMT के साथ उपलब्ध है.

अगस्त के महीने में Maruti Suzuki Wagon R के 1.0-लीटर और 1.2-लीटर दोनों ही वर्जन AMT गियरबॉक्स के साथ 53,100 रुपये तक के बेनिफिट्स के साथ उपलब्ध हैं. मैनुअल वेरिएंट पर 48,100 रुपये और CNG वेरिएंट पर 43,100 रुपये तक की छूट दी जा रही है. ऐसे ही कंपनी की कई और कारों पर छूट दी जा रही है.

Tags: Auto News, Car Bike News

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भारत ने अप्रैल-मई में 123 मिलियन डॉलर का गैर-बासमती चावल किया निर्यात


नई दिल्ली: भारत की ओर से चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई में 122.7 मिलियन डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया है. सरकार की ओर से उत्पादन और उपलब्धता को नजदीक से मॉनिटर किया जा रहा है. वाणिज्य और इंडस्ट्री राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के बीच भारत की ओर से 852.53 मिलियन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया है. यह वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 2 अरब डॉलर और 2.2 अरब डॉलर था.

गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई, 2023 से बंद

उन्होंने आगे कहा कि गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई, 2023 से बंद है. सरकार की अनुमति के बाद ही खाद्य सुरक्षा को देखते हुए केवल मित्र देशों को ही गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जाता है.

भारत की ओर से मालदीव को 1,24,218.36 मीट्रिक टन, मॉरीशस को 14,000 मीट्रिक टन, मलावी को 1,000 मीट्रिक टन , जिम्बाब्वे को 1,000 मीट्रिक टन और नामीबिया को 1,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया है.

2023-24 में भारत ने इन देशों को गैर-बासमती चावल किया निर्यात

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 17 देशों को निर्यात किया था. इसमें भूटान को 79,000 मीट्रिक टन, मॉरीशस को 14,000 मीट्रिक टन, सिंगापुर को 50,000 मीट्रिक टन, संयुक्त अरब अमीरात को 75,000 मीट्रिक टन, नेपाल को 95,000 मीट्रिक टन, कैमरून को 1,90,000 मीट्रिक टन, कोटे डी आइवर को 1,42,000 मीट्रिक टन, गिनी को 1,42,000 मीट्रिक टन, और मलेशिया को 1,70,000 मीट्रिक टन का निर्यात किया गया था.

इसके अलावा अन्य देश जैसे फिलीपींस को 2,95,000 मीट्रिक टन, सेशेल्स को 800 मीट्रिक टन, कोमोरोस को 20,000 मीट्रिक टन, मेडागास्कर को 50,000 मीट्रिक टन, इक्वेटोरियल गिनी को 10,000 मीट्रिक टन, मिस्र को 60,000 मीट्रिक टन, केन्या को 1,00,000 मीट्रिक टन और तंजानिया को 30,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया था.

सरकार ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म करेगी शुरू

एक अन्य सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि सरकार की ओर से ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म बनाने की शुरुआत की गई है. इसका उद्देश्य भारतीय निर्यातकों, एमएसएमई, उद्योगपतियों, विदेशों में भारतीय मिशन, निर्यात प्रमोशन काउंसिल और अन्य सरकारी एजेंसियों को आपस में जोड़ना है.इस प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया भर में होने वाले ट्रेड इवेंट की जानकारी पक्षकारों को उपलब्ध कराई जाएगी.

निर्यात को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं कदम

भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें प्री और पोस्ट शिपमेंट के लिए रुपये एक्सपोर्ट क्रेडिट पर इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम को 31 अगस्त, 2024 तक बढ़ाना और 2,500 करोड़ रुपये आवंटित करना शामिल है.

इसके अलावा निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई स्कीम जैसे ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम (टीआईईएस) और मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) स्कीम चलाई जा रही है.साथ ही अधिक श्रम की खपत वाले निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार 2019 से राज्य और केंद्रीय करों व लेवी में छूट योजना चलाई जा रही है.

Explainer: कैसे दुनिया में सबसे ऊपर हो गया बांग्लादेश का रेडीमेड गारमेंट उद्योग, किस तरह हुई थी शुरुआत

 

Bangladesh Ggarment Industry: प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने और देश छोड़कर भाग जाने के बाद बांग्लादेश में रेडीमेड गारमेंट उद्योग ठप पड़ गया है. बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से पैदा हुए हालात का असर पूरी दुनिया पर पड़ने की आशंका है. क्योंकि बांग्लादेश कपड़ों के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है. एच एंड एम और जारा जैसी दिग्गज ग्लोबल गारमेंट कंपनियां इससे प्रभावित होंगी. क्योंकि इन दोनों कंपनियों के लिए गारमेंट बांग्लादेश में ही तैयार होते हैं. एच एंड एम के लिए तो बांग्लादेश की 1000 से ज्यादा कंपनियां कपड़े तैयार करती हैं.  

ये तो सिर्फ केवल दो उदाहरण हैं. वालमार्ट से लेकर प्यूमा जैसे तमाम बड़े ब्रांड्स के लिए ज्यादातर कपड़े बांग्लादेश में बनते हैं. केवल यूरोप और अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के मॉल और सुपर स्टोर्स में बिकने वाले कपड़े यहीं के हैं. यहां बनने वाली टी-शर्ट्स, स्वेटर, ट्राउजर, मेंस और वूमेंस शर्ट्स की दुनिया भर में धूम है. बांग्लादेश में करीब 6000 फैक्ट्रियों में हर दिन लगभग डेढ़ लाख टी-शर्ट्स बनती हैं. ये फैक्ट्रियां ढाका और चटगांव के आसपास के इलाकों में फैली हैं. किसी जमाने में बाढ़ और तूफान से हर साल तबाही का दर्द झेलने वाला ये देश किस तरह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गारमेंट एक्सपोर्टर बन गया? आपको बताते हैं… 

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बांग्लादेश में एक गारमेंट फैक्ट्री.

ढाका में हैं 4 हजार फैक्ट्रियां
ढाका में लगभग चार हजार गारमेंट फैक्ट्रियां मौजूद हैं. उनकी वजह से यह शहर दो दुनियाओं में बंट गया है. एक ओर है साफ सुथरी सड़कों पर आलीशान बंगलों में रहने वाले लोगों का इलाका है. ये बंगले ऊंची-ऊंची चारदीवारियों से घिरे हैं. दूसरी ओर वो स्लम एरिया हैं, जहां इन गारमेंट फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों मजदूर रहते हैं. इन इलाकों में करीब 40 लाख मजदूर रहते हैं. जिनकी दिनचर्या सुबह फैक्ट्रियां का सायरन बजने के बाद शुरू होने के साथ देर रात तक चलती है. यहां पर दुनिया का सबसे सस्ता लेबर मौजूद है. इन्हीं के दम पर गारमेंट कंपनियां दुनिया भर को बड़े बड़े ब्रांड मुहैया करा रही हैं.  

अच्छी फिनिशिंग और क्वलिटी भी
दुनिया का कोई भी ऐसा बड़ा गारमेंट ब्रांड नहीं होगा, जो अपने माल की आउटसोर्सिंग बांग्लादेश से नहीं कराता हो. इसकी बड़ी वजह बांग्लादेश का  सस्ता श्रम है. साथ में उन्हें उत्कृष्ट फिनिशिंग औऱ बेहतरीन क्वालिटी भी मिलती है. ये बात अलग है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा कपड़े तैयार करने वाली और बेचने वाली कंपनियां उठाती हैं. यहां बनने वाली शर्ट बाजार में हजारों रुपये में बिकती है, लेकिन उसे बनाने वाले मजदूर को मुश्किल से दस रुपये भी नहीं मिलते हैं.

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दुनिया भर के शो रूम अटे पड़े हैं बांग्लादेशी कपड़ों से.

इतिहास में छुपी है इसकी तरक्की की वजह
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंसल्टेंसी फर्म मैंकेंसे का दावा था कि भारत का ये पड़ोसी देश जल्द ही रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देगा. लेकिन ये सब कैसे संभव हुआ. लगता है कि इस देश ने समय का एक चक्र पूरा कर लिया है. करीब दो सौ साल पहले ढाका के मलमल और मुर्शिदाबाद के सिल्क का दुनिया भर में कोई जवाब नहीं था. बंगाल की कपड़ों की कारीगरी पूरी दुनिया में धाक थी.  लेकिन अंग्रेजों ने बंगाल के इस उद्योग को चौपट कर दिया.

 

मैनचेस्टर में बंद हो गईं कपड़ा मिलें
अंग्रेजों ने मैनचेस्टर में बने अपने सस्ते कपड़ों से भारत के बाजार को पाट दिया था. फिर ये हालत हो गई कि बंगाल में मलमल और सिल्क का काम करने वालों कारीगरों ने रोजीरोटी के लिए दूसरे कामों की ओर रुख कर लिया. लेकिन कपड़ों पर बारीक काम करने का हुनर उनके डीएनए में बदस्तूर कायम रहा. वही हुनर सिर चढ़कर बोल रहा है. संयोग देखिए एक ओर बांग्लादेश का गारमेंट बिजनेस दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है. वहीं मैनचेस्टर की कपड़ा मिलों पर ताले लग चुके हैं.

1978 में नुरुल ने खोली पहली फैक्ट्री
नुरुल कादर खान को बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट उद्योग का जनक कहा जाता है. नुरुल ने साल 1978 में 130 युवाओं को दक्षिण कोरिया ट्रेनिंग के लिए भेजा था. तब किसी ने कल्पना नहीं की थी कि ये घटना आने वाले समय में इस देश के औद्योगिक जगत के बदलकर रख देगी. जब  ये ट्रेनी दक्षिण कोरिया से लौटे तो बांग्लादेश की पहली गारमेंट फैक्ट्री खोली गई. उसके बाद बाहर से काम लेने की कोशिश शुरू हुई. इसके बाद देखते ही देखते बांग्लादेश में कई और फैक्ट्रियों की नींव पड़ी. फिर इस उद्योग ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

देश के एक्सपोर्ट में 80 फीसदी हिस्सा गारमेंट का
बांग्लादेश का रेडीमेड गारमेंट उद्योग साल 1985 में 380 मिलियन डॉलर का था. लेकिन अब यह लगभग 24 बिलियन डॉलर का हो चुका है. बांग्लादेश का करीब 80 फीसदी निर्यात इस उद्योग से होता है. दुनिया के बड़े बड़े ब्रांड्स को लगता है कि जब वे बड़े पैमाने पर कम लागत में बांग्लादेश में उत्कृष्ट क्वालिटी और डिजाइन वाले कपड़े बनवा सकते हैं तो उसके लिए यूरोपीय फैक्ट्रियों को ज्यादा पैसा क्यों दें. बांग्लादेश में बनी एक उम्दा कॉटन टी-शर्ट की कीमत सभी लागत, मजदूरी, ट्रांसपोटेशन का खर्च निकाल कर करीब  1.60 डॉलर से 6.00 डॉलर के बीच बैठती है. बड़े ब्रांड्स इन टी-शर्ट को यूरोप और अमेरिका के बाजार में कई गुना ज्यादा कीमत में बेचते हैं और मोटा मुनाफा कमाते हैं.

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ऑफ सीजन से पहले औंधे मुंह गिर गए स्प्लिट AC के दाम, खरीदने के लिए होने लगी धक्का-मुक्की!

फ्लिपकार्ट पर बिग बचत डेज़ सेल का आज आखिरी दिन है. सेल में ग्राहक टीवी और बाकी अप्लायंस को 80% की छूट पर घर ला सकते हैं. यहां से टीवी, पंखा, फ्रिज, एसी और वाशिंग मशीन, सबकुछ काफी कम दाम पर मिल जाएगा. अब धीरे-धीरे एयर कंडिशन का मौसम चला जाएगा, और फिर ठंड आते ही पंखे भी बंद कर दिए जाएंगे. ऑफ सीजन में इलेक्ट्रॉनिक सामान काफी कम दाम पर मिलते हैं, लेकिन अभी तो सीज़न खत्म भी नहीं हुआ है और ग्राहक एसी को अच्छे डिस्काउंट पर घर ला सकते हैं. सेल में 1.2 या उससे कम टन के स्प्लिट एसी को काफी अच्छे ऑफर के साथ घर लाया जा सकता है.

MarQ by Flipkart 2024 स्प्लिट एसी 1.5 टन का है, और ये 4 इन 1 कन्वर्टेबल टर्बो कूल टेक्नोलॉजी के साथ आता है. इसे 44% के डिस्काउंट पर घर लाया जा सकता है. छूट के बाद ग्राहक इसे 50,999 रुपये के बजाए 28,490 रुपये में खरीदा जा सकता है. इसे एक्सचेंज ऑफर के तहत 5,100 रुपये की छूट पर भी घर लाया जा सकता है.

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Godrej 5 in 1 कन्वर्टेबल कूलिंग 2024 मॉडल 1.5 टन 3 स्टार स्प्लिट इन्वर्टर एसी को 32% के डिस्काउंट पर घर लाया जा सकता है. छूट के बाद ग्राहक इसे 46,900 रुपये के बजे 31,490 रुपये में घर लाया जा सकेगा. एक्सचेंज ऑफर के तहत एसी को 5,100 रुपये की छूट पर घर लाया जा सकता है.

Dainik 2023 मॉडल 1.5 टन 3 स्टार स्प्लिट इन्वर्टर एसी को 36% के डिस्काउंट पर खरीदा जा सकता है. एसी को 58,400 रुपये के बजाए 36,990 रुपये में घर लाया जा सकता है. एसी को एक्सचेंज ऑफर पर 5,100 रुपये की छूट पर खरीदा जा सकता है.

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IFB AI कन्वर्टेबल 8 इन 1 कूलिंग 2024 मॉडल 1.5 टन 5 स्टार स्प्लिट इन्वर्टर एसी को 45% के डिस्काउंट पर खरीदा जा सकता है. छूट के बाद ये एसी 74,990 रुपये के बजाए 40,990 रुपये में घर लाया जा सकता है. इसे 4,555 रुपये प्रति महीने की नो-कॉस्ट EMI पर भी घर लाया जा सकता है.

Tata Curvv: फुल चार्ज में 500 KM का माइलेज, 8 सेकंड में 100 KMPH की रफ्तार, तहलका मचाने आ गई टाटा की ये कार

Tata Curvv Launch: 15 मिनट की चार्जिंग में 150 किलोमीटर चलने वाली टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक कार टाटा कर्व (Tata Curvv) लॉन्च हो गई है. खास बात है कि भारतीय बाजार में यह पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी कूपे कार है. इसमें 6 एयरबैग और ADAS समेत 60 से ज्यादा एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स मिलेंगे. यह कार आइस और ईवी के दो वर्ज़न्स में उपलब्ध होगी. देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स, Tata Curvv EV के लॉन्च के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट का विस्तार कर रही है. नेक्सॉन ईवी, टियागो ईवी, पंच ईवी और टिगोर ईवी जैसे मॉडलों के साथ टाटा मोटर्स ने पहले से इंडियन ईवी मार्केट में अपनी पॉजिशन को मजबूत बनाकर रखा है.

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Tata Curvv में क्या खास

टाटा मोटर्स ने यह कार पहली बार 2022 में ऑटो एक्सपो में दिखाई थी. इसके बाद से ही लोग इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे. टाटा कर्व ईवी कई फीचर्स से लैस. इसका डिज़ाइन से लेकर इंटीरियर बेहद खास है.

-Tata Curvv की सबसे बड़ी खासियत इसका माइलेज है. कंपनी का दावा है कि यह एसयूवी एक बार फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर तक दौड़ेगी.

-कर्वव ईवी की रेंज 585 किमी होने का दावा किया गया है. कंपनी का कहना है कि यूजर्स रीयल लाइफ में 400-425 किमी के बीच की रेंज की उम्मीद कर सकते हैं.

-टाटा कर्व में 12.3-इंच का टचस्क्रीन, AC के लिए टच कंट्रोल्स और पैनारॉमिक सनरूफ़ शामिल हैं. इसमें नेक्सॉन की तरह सेंटर कंसोल, ड्राइव मोड सिलेक्टर समेत वायरलेस चार्जर और स्टार्ट-स्टॉप बटन जैसे फीचर्स शामिल हैं.

-टाटा कर्वव ईवी दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ मिलेगी. इसमें एक 45 kWh पैक जिसकी रेंज 502 किमी है और दूसरा 55 kWh पैक है जिसमें 585 किमी की रेंज का दावा किया गया है.

-टाटा कर्ववी ईवी में 18 इंच के व्हील और 190 मिमी का ग्राउंड क्लीयरेंस मिलता है. इस गाड़ी में 500 लीटर का बूट स्पेस भी है.

 

-यह गाड़ी 123 kWh मोटर से लैस होगी, जिससे केवल 8.6 सेकंड में टाटा कर्व 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ने में सक्षम होगी.

क्या है Tata Curvv का प्राइस

टाटा मोटर्स ने कर्वव ईवी को 17.49 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत के साथ बाजार में उतारा है. इसके अलावा, टॉप-स्पेक लॉन्ग-रेंज एडिशन का प्राइस 21.99 लाख रुपये होगा. इस कूप एसयूवी कार की बुकिंग 12 अगस्त, 2024 से शुरू होगी.