रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में बीते 6 कारोबारी दिनों से लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट के चलते कंपनी का बाज़ार पूंजीकरण (Market Cap) करीब ₹2.26 लाख करोड़ रुपये घट गया है और शेयर अपने 52-हफ्तों के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गए हैं।
क्या है मौजूदा स्थिति?
- रिलायंस के शेयरों में आज भी गिरावट दर्ज की गई और यह स्टॉक 52 हफ्तों के नए निचले स्तर पर बंद हुआ।
- बीते 6 ट्रेडिंग सेशन्स में कंपनी के शेयर में लगभग 10% की गिरावट आई है।
- इसका सीधा असर कंपनी के बाज़ार पूंजीकरण पर पड़ा है, जो अब करीब ₹2.26 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है।
संभावित कारण क्या हैं?
- तेल और गैस कारोबार में दबाव:
रिलायंस का रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम और गैस से आता है। क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट से निवेशकों की चिंता बढ़ी है। - जियो फाइनेंशियल डिमर्जर के बाद अनिश्चितता:
कंपनी ने हाल ही में अपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेस को अलग किया है। इससे निवेशकों में थोड़ा असमंजस और बेचैनी है। - वैश्विक बाज़ारों की सुस्ती:
अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अस्थिरता का असर भारतीय बाजारों और विशेष रूप से रिलायंस जैसे बड़े स्टॉक्स पर भी पड़ा है।
निवेशकों के लिए क्या मायने हैं?
रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और उसके शेयरों में गिरावट से पूरे बाजार पर असर पड़ता है। इस समय निवेशकों के लिए यह एक “Watch and Wait” स्थिति बन गई है।
- कुछ निवेशकों को यह स्तर लॉन्ग टर्म एंट्री पॉइंट के रूप में भी दिख सकता है।
- लेकिन जिन निवेशकों का लक्ष्य शॉर्ट टर्म में रिटर्न है, उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
आगे क्या?
विश्लेषकों का मानना है कि जब तक रिलायंस की तेल, रिटेल और टेलिकॉम शाखाओं में ठोस ग्रोथ या स्पष्टता नहीं आती, तब तक शेयर में दबाव बना रह सकता है।
हालांकि, कंपनी की फंडामेंटल्स मजबूत हैं और दीर्घकालिक निवेशकों को घबराने की ज़रूरत नहीं है।