रिलायंस और डिज्नी का मीडिया और एंटरटेनमेंट में तूफान लाने का प्लान
भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी ने टेलिकॉम के बाद अब मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में तहलका मचाने की तैयारी कर ली है। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एंटरटेनमेंट सेक्टर की दिग्गज कंपनी वॉल्ट डिज्नी के साथ एक नॉन-बाइंडिंग डील की है। इस डील के तहत दोनों कंपनियां अपने भारतीय ऑपरेशन्स को मिलाकर एक नई कंपनी बनाएंगे। इस नई कंपनी में रिलायंस की 51 फीसदी और डिज्नी की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
डील की प्रमुख बातें:
- डील में स्टार इंडिया और वायकॉम18 का सारा ऑपरेशन शामिल है।
- इसमें 77 चैनल, दो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और एक ओटीटी प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
- डील के फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद है।
डील का महत्व:
यह डील भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ी घटना है। इस डील के बाद भारत में सबसे बड़ी मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी बनेगी। इस कंपनी के पास 115 चैनल, दो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और एक ओटीटी प्लेटफॉर्म होगा। यह कंपनी देश में मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत करेगी।
इस डील के मुताबिक, रिलायंस और डिज्नी दोनों कंपनियां मिलकर भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनेस में एक बड़ा खिलाड़ी बनने का प्लान बना रही हैं। इस मर्जर में स्टार इंडिया और वायकॉम18 का सम्मिलन होगा, जिससे एक नई कंपनी का निर्माण होगा। इस मर्जर में रिलायंस की हिस्सेदारी 51% होगी, जबकि डिज्नी की हिस्सेदारी 49% होगी। इस डील का पूरा होने का अनुमान फरवरी तक है, लेकिन रिलायंस इसे जनवरी के अंत तक पूरा करना चाहती है।
डील के अनुसार, दोनों कंपनियां मिलकर भारत में सबसे बड़ी मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी बनाने का प्लान बना रही हैं। इस मर्जर में स्टार इंडिया और वायकॉम18 के सभी ऑपरेशन शामिल होंगे, जिनमें बड़ी संख्या में चैनल्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं। इसके अलावा, डिज्नी प्लस, हॉटस्टार, और जियो सिनेमा जैसे प्रमुख स्ट्रीमिंग सेवाएं भी इस मर्जर का हिस्सा बनेंगी।
इस मर्जर का मुख्य उद्देश्य दोनों कंपनियों को भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में एक बड़ा और प्रभावशाली खिलाड़ी बनाना है, जिससे वे अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुँच सकें और इस सेक्टर में अपनी गहरी निगाहें बनाए रख सकें।
डील के संभावित प्रभाव:
यह डील भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर कई तरह के प्रभाव डाल सकती है। इस डील के बाद भारत में मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इस डील से भारतीय दर्शकों को बेहतर सामग्री और सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
इस मर्जर के बारे में बहुत से सूत्रों के मुताबिक, डील का समर्थन करने वाले लोगों में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी और डिज्नी के उच्च अधिकारी शामिल हैं। इसके लिए लंदन में एक बैठक भी हुई, जिसमें डिज्नी के एडवाइजर केविन मेयर और रिलायंस इंडस्ट्रीज के एडवाइजर मनोज मोदी भी शामिल थे।
डील के लिए चुनौतियां:
इस मर्जर का पूरा होने के बाद, नई कंपनी बाजार में मजबूती से प्रवेश करेगी और इसे स्थिति बनाए रखने में सफल रह सकती है। इससे भारतीय मीडिया सेक्टर में एक नई टायर की ऊर्जा आ सकती है, जिससे सभी संबंधित उद्यम और उपभोक्ताओं को बड़ा और बेहतर निष्कर्ष साझा करने का एक मंच मिलेगा।
यह डील अभी भी नॉन-बाइंडिंग है, इसलिए इसे पूरा होने में अभी कुछ समय लग सकता है। इसके अलावा, इस डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से भी मंजूरी लेनी होगी।
इस नॉन-बाइंडिंग डील से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बार फिर अपने उद्यमी और स्ट्रेटेजीक कार्यों में एक नया चैप्टर खोला है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय मीडिया सेक्टर में एक नया दृष्टिकोण उत्पन्न हो सकता है, जो उद्यमिता, नवाचार, और दर्शकों के बीच सकारात्मक परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
रिलायंस और डिज्नी की यह डील भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह डील भारतीय दर्शकों के लिए बेहतर सामग्री और सेवाओं के अवसर पैदा कर सकती है।