1. भूमिका (Introduction)
चलिए एक आसान सवाल से शुरुआत करते हैं – पैसा आखिर होता क्या है?
क्या यह सिर्फ वो नोट हैं जो आपके पर्स में होते हैं? या वो नंबर जो बैंक ऐप में दिखते हैं? असल में, पैसा इससे कहीं ज्यादा है। यह हमारी ज़िंदगी का एक ऐसा टूल है जो हर छोटे-बड़े लेन-देन को आसान बनाता है – चाहे वो सब्ज़ी खरीदना हो या कोई बड़ी कंपनी शुरू करना हो।
पैसे को समझना सिर्फ बैंकर या इकोनॉमिस्ट्स के लिए नहीं है। अगर आप स्टूडेंट हैं, नौकरी करते हैं, बिज़नेस करते हैं या रिटायर हो चुके हैं – सभी को पैसे की समझ होनी चाहिए ताकि सही फैसले लिए जा सकें और फाइनेंशियल मिस्टेक्स से बचा जा सके।
पैसा हर किसी की ज़िंदगी को छूता है – इसलिए ये जानना बहुत जरूरी है कि यह आखिर है क्या, कहां से आता है और क्यों इतना जरूरी है।
2. पैसे की परिभाषा (Definition of Money)
सबसे सिंपल भाषा में कहा जाए तो पैसा वह चीज़ है जिसे सभी लोग सामान या सेवाओं के बदले एक्सचेंज करने के लिए मानते हैं। अब ये चीज़ नोट और सिक्के हो सकते हैं, लेकिन आजकल तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, क्रेडिट कार्ड, और यहां तक कि बिटकॉइन जैसे डिजिटल करेंसी भी “पैसा” बन चुके हैं – जब तक लोग उसे मान्यता देते हैं।
थोड़ा टेक्निकल भाषा में समझें, तो पैसा होता है:
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Medium of Exchange – यानी आप सामान के बदले पैसा दे सकते हैं (अब बार्टर सिस्टम नहीं चलाना पड़ता)।
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Unit of Account – किसी भी चीज़ की कीमत तय करने के लिए (जैसे ₹50 में समोसे)।
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Store of Value – आज कमाया हुआ पैसा आप सेव करके कल इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Standard of Deferred Payment – यानी आज उधार लो, बाद में किश्तों में चुकाओ।
असल में पैसा क्या चीज़ है, ये इस पर निर्भर करता है कि लोग उसमें भरोसा करते हैं या नहीं। ₹500 का नोट सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा है – लेकिन क्योंकि सभी लोग मानते हैं कि उसकी वैल्यू ₹500 है, इसलिए वह “पैसा” कहलाता है।