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बारिश में भीगते हुए ऑफिस जाने से बेहतर है खरीद लें नई Swift, अगस्त में मिल रही है इतनी बड़ी छूट

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नई दिल्ली. Maruti Suzuki Arena डीलर्स द्वारा इस महीने Alto K10, S-Presso, Wagon R, Celerio, Dzire साथ ही नई Swift पर कैश डिस्काउंट और एक्सचेंज बोनस दिया जा रहा है. इस महीने Ertiga एक मात्रा कार है जिस पर कोई छूट नहीं दी जा रही है. हालांकि, आपको बता दें कि ये ऑफर्स और डिस्काउंट्स अलग-अलग शहर में अलग-अलग हो सकते हैं. साथ ही ये स्टॉक पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में ऑफर्स की जानकारी के लिए अपने नजदीकी डीलर से जाकर मिलें.

ऑटोकारइंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नई जनरेशन की Swift अब मैनुअल वेरिएंट पर 28,100 रुपये तक और ऑटोमैटिक वेरिएंट पर 33,100 रुपये तक की छूट के साथ उपलब्ध है, जो पिछले महीने उपलब्ध 15,000 रुपये की छूट से ज्यादा है. वहीं, पिछली जनरेशन की स्विफ्ट के अनसोल्ड स्टॉक पर पेट्रोल वेरिएंट पर 28,100 रुपये और CNG वाले वेरिएंट पर 18,100 रुपये की छूट दी जा रही है.

पिछले महीने की तरह ही, डीलर मारुति Dzire के ऑटोमैटिक वेरिएंट पर 30,000 रुपये और मैनुअल वेरिएंट पर 25,000 रुपये तक के बेनिफिट्स दे रहे हैं. हालांकि, CNG वेरिएंट पर कोई ऑफर नहीं है. मारुति त्योहारी सीजन के आसपास भारत में नेक्स्ट-जनरेशन Dzire लॉन्च करने की तैयारी कर रही है.

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इसी तरह अगस्त के महीने में Alto K10 पर मैक्जिमम डिस्काउंट ऑटोमैटिक वेरिएंट के लिए 50,100 रुपये, मैनुअल के लिए 45,100 रुपये और CNG ऑप्शन्स के लिए 43,100 रुपये है. इसमें 1.0-लीटर, थ्री-सिलेंडर नैचुरली एस्पिरेटेड 67hp पेट्रोल इंजन है, जो 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और ऑप्शनल AMT के साथ उपलब्ध है.

अगस्त के महीने में Maruti Suzuki Wagon R के 1.0-लीटर और 1.2-लीटर दोनों ही वर्जन AMT गियरबॉक्स के साथ 53,100 रुपये तक के बेनिफिट्स के साथ उपलब्ध हैं. मैनुअल वेरिएंट पर 48,100 रुपये और CNG वेरिएंट पर 43,100 रुपये तक की छूट दी जा रही है. ऐसे ही कंपनी की कई और कारों पर छूट दी जा रही है.

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भारत ने अप्रैल-मई में 123 मिलियन डॉलर का गैर-बासमती चावल किया निर्यात


नई दिल्ली: भारत की ओर से चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई में 122.7 मिलियन डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया है. सरकार की ओर से उत्पादन और उपलब्धता को नजदीक से मॉनिटर किया जा रहा है. वाणिज्य और इंडस्ट्री राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के बीच भारत की ओर से 852.53 मिलियन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया है. यह वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 2 अरब डॉलर और 2.2 अरब डॉलर था.

गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई, 2023 से बंद

उन्होंने आगे कहा कि गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई, 2023 से बंद है. सरकार की अनुमति के बाद ही खाद्य सुरक्षा को देखते हुए केवल मित्र देशों को ही गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जाता है.

भारत की ओर से मालदीव को 1,24,218.36 मीट्रिक टन, मॉरीशस को 14,000 मीट्रिक टन, मलावी को 1,000 मीट्रिक टन , जिम्बाब्वे को 1,000 मीट्रिक टन और नामीबिया को 1,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया है.

2023-24 में भारत ने इन देशों को गैर-बासमती चावल किया निर्यात

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 17 देशों को निर्यात किया था. इसमें भूटान को 79,000 मीट्रिक टन, मॉरीशस को 14,000 मीट्रिक टन, सिंगापुर को 50,000 मीट्रिक टन, संयुक्त अरब अमीरात को 75,000 मीट्रिक टन, नेपाल को 95,000 मीट्रिक टन, कैमरून को 1,90,000 मीट्रिक टन, कोटे डी आइवर को 1,42,000 मीट्रिक टन, गिनी को 1,42,000 मीट्रिक टन, और मलेशिया को 1,70,000 मीट्रिक टन का निर्यात किया गया था.

इसके अलावा अन्य देश जैसे फिलीपींस को 2,95,000 मीट्रिक टन, सेशेल्स को 800 मीट्रिक टन, कोमोरोस को 20,000 मीट्रिक टन, मेडागास्कर को 50,000 मीट्रिक टन, इक्वेटोरियल गिनी को 10,000 मीट्रिक टन, मिस्र को 60,000 मीट्रिक टन, केन्या को 1,00,000 मीट्रिक टन और तंजानिया को 30,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया था.

सरकार ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म करेगी शुरू

एक अन्य सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि सरकार की ओर से ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म बनाने की शुरुआत की गई है. इसका उद्देश्य भारतीय निर्यातकों, एमएसएमई, उद्योगपतियों, विदेशों में भारतीय मिशन, निर्यात प्रमोशन काउंसिल और अन्य सरकारी एजेंसियों को आपस में जोड़ना है.इस प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया भर में होने वाले ट्रेड इवेंट की जानकारी पक्षकारों को उपलब्ध कराई जाएगी.

निर्यात को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं कदम

भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें प्री और पोस्ट शिपमेंट के लिए रुपये एक्सपोर्ट क्रेडिट पर इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम को 31 अगस्त, 2024 तक बढ़ाना और 2,500 करोड़ रुपये आवंटित करना शामिल है.

इसके अलावा निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई स्कीम जैसे ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम (टीआईईएस) और मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) स्कीम चलाई जा रही है.साथ ही अधिक श्रम की खपत वाले निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार 2019 से राज्य और केंद्रीय करों व लेवी में छूट योजना चलाई जा रही है.

Explainer: कैसे दुनिया में सबसे ऊपर हो गया बांग्लादेश का रेडीमेड गारमेंट उद्योग, किस तरह हुई थी शुरुआत

 

Bangladesh Ggarment Industry: प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने और देश छोड़कर भाग जाने के बाद बांग्लादेश में रेडीमेड गारमेंट उद्योग ठप पड़ गया है. बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से पैदा हुए हालात का असर पूरी दुनिया पर पड़ने की आशंका है. क्योंकि बांग्लादेश कपड़ों के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है. एच एंड एम और जारा जैसी दिग्गज ग्लोबल गारमेंट कंपनियां इससे प्रभावित होंगी. क्योंकि इन दोनों कंपनियों के लिए गारमेंट बांग्लादेश में ही तैयार होते हैं. एच एंड एम के लिए तो बांग्लादेश की 1000 से ज्यादा कंपनियां कपड़े तैयार करती हैं.  

ये तो सिर्फ केवल दो उदाहरण हैं. वालमार्ट से लेकर प्यूमा जैसे तमाम बड़े ब्रांड्स के लिए ज्यादातर कपड़े बांग्लादेश में बनते हैं. केवल यूरोप और अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के मॉल और सुपर स्टोर्स में बिकने वाले कपड़े यहीं के हैं. यहां बनने वाली टी-शर्ट्स, स्वेटर, ट्राउजर, मेंस और वूमेंस शर्ट्स की दुनिया भर में धूम है. बांग्लादेश में करीब 6000 फैक्ट्रियों में हर दिन लगभग डेढ़ लाख टी-शर्ट्स बनती हैं. ये फैक्ट्रियां ढाका और चटगांव के आसपास के इलाकों में फैली हैं. किसी जमाने में बाढ़ और तूफान से हर साल तबाही का दर्द झेलने वाला ये देश किस तरह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गारमेंट एक्सपोर्टर बन गया? आपको बताते हैं… 

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बांग्लादेश में एक गारमेंट फैक्ट्री.

ढाका में हैं 4 हजार फैक्ट्रियां
ढाका में लगभग चार हजार गारमेंट फैक्ट्रियां मौजूद हैं. उनकी वजह से यह शहर दो दुनियाओं में बंट गया है. एक ओर है साफ सुथरी सड़कों पर आलीशान बंगलों में रहने वाले लोगों का इलाका है. ये बंगले ऊंची-ऊंची चारदीवारियों से घिरे हैं. दूसरी ओर वो स्लम एरिया हैं, जहां इन गारमेंट फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों मजदूर रहते हैं. इन इलाकों में करीब 40 लाख मजदूर रहते हैं. जिनकी दिनचर्या सुबह फैक्ट्रियां का सायरन बजने के बाद शुरू होने के साथ देर रात तक चलती है. यहां पर दुनिया का सबसे सस्ता लेबर मौजूद है. इन्हीं के दम पर गारमेंट कंपनियां दुनिया भर को बड़े बड़े ब्रांड मुहैया करा रही हैं.  

अच्छी फिनिशिंग और क्वलिटी भी
दुनिया का कोई भी ऐसा बड़ा गारमेंट ब्रांड नहीं होगा, जो अपने माल की आउटसोर्सिंग बांग्लादेश से नहीं कराता हो. इसकी बड़ी वजह बांग्लादेश का  सस्ता श्रम है. साथ में उन्हें उत्कृष्ट फिनिशिंग औऱ बेहतरीन क्वालिटी भी मिलती है. ये बात अलग है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा कपड़े तैयार करने वाली और बेचने वाली कंपनियां उठाती हैं. यहां बनने वाली शर्ट बाजार में हजारों रुपये में बिकती है, लेकिन उसे बनाने वाले मजदूर को मुश्किल से दस रुपये भी नहीं मिलते हैं.

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दुनिया भर के शो रूम अटे पड़े हैं बांग्लादेशी कपड़ों से.

इतिहास में छुपी है इसकी तरक्की की वजह
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंसल्टेंसी फर्म मैंकेंसे का दावा था कि भारत का ये पड़ोसी देश जल्द ही रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देगा. लेकिन ये सब कैसे संभव हुआ. लगता है कि इस देश ने समय का एक चक्र पूरा कर लिया है. करीब दो सौ साल पहले ढाका के मलमल और मुर्शिदाबाद के सिल्क का दुनिया भर में कोई जवाब नहीं था. बंगाल की कपड़ों की कारीगरी पूरी दुनिया में धाक थी.  लेकिन अंग्रेजों ने बंगाल के इस उद्योग को चौपट कर दिया.

 

मैनचेस्टर में बंद हो गईं कपड़ा मिलें
अंग्रेजों ने मैनचेस्टर में बने अपने सस्ते कपड़ों से भारत के बाजार को पाट दिया था. फिर ये हालत हो गई कि बंगाल में मलमल और सिल्क का काम करने वालों कारीगरों ने रोजीरोटी के लिए दूसरे कामों की ओर रुख कर लिया. लेकिन कपड़ों पर बारीक काम करने का हुनर उनके डीएनए में बदस्तूर कायम रहा. वही हुनर सिर चढ़कर बोल रहा है. संयोग देखिए एक ओर बांग्लादेश का गारमेंट बिजनेस दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है. वहीं मैनचेस्टर की कपड़ा मिलों पर ताले लग चुके हैं.

1978 में नुरुल ने खोली पहली फैक्ट्री
नुरुल कादर खान को बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट उद्योग का जनक कहा जाता है. नुरुल ने साल 1978 में 130 युवाओं को दक्षिण कोरिया ट्रेनिंग के लिए भेजा था. तब किसी ने कल्पना नहीं की थी कि ये घटना आने वाले समय में इस देश के औद्योगिक जगत के बदलकर रख देगी. जब  ये ट्रेनी दक्षिण कोरिया से लौटे तो बांग्लादेश की पहली गारमेंट फैक्ट्री खोली गई. उसके बाद बाहर से काम लेने की कोशिश शुरू हुई. इसके बाद देखते ही देखते बांग्लादेश में कई और फैक्ट्रियों की नींव पड़ी. फिर इस उद्योग ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

देश के एक्सपोर्ट में 80 फीसदी हिस्सा गारमेंट का
बांग्लादेश का रेडीमेड गारमेंट उद्योग साल 1985 में 380 मिलियन डॉलर का था. लेकिन अब यह लगभग 24 बिलियन डॉलर का हो चुका है. बांग्लादेश का करीब 80 फीसदी निर्यात इस उद्योग से होता है. दुनिया के बड़े बड़े ब्रांड्स को लगता है कि जब वे बड़े पैमाने पर कम लागत में बांग्लादेश में उत्कृष्ट क्वालिटी और डिजाइन वाले कपड़े बनवा सकते हैं तो उसके लिए यूरोपीय फैक्ट्रियों को ज्यादा पैसा क्यों दें. बांग्लादेश में बनी एक उम्दा कॉटन टी-शर्ट की कीमत सभी लागत, मजदूरी, ट्रांसपोटेशन का खर्च निकाल कर करीब  1.60 डॉलर से 6.00 डॉलर के बीच बैठती है. बड़े ब्रांड्स इन टी-शर्ट को यूरोप और अमेरिका के बाजार में कई गुना ज्यादा कीमत में बेचते हैं और मोटा मुनाफा कमाते हैं.

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ऑफ सीजन से पहले औंधे मुंह गिर गए स्प्लिट AC के दाम, खरीदने के लिए होने लगी धक्का-मुक्की!

फ्लिपकार्ट पर बिग बचत डेज़ सेल का आज आखिरी दिन है. सेल में ग्राहक टीवी और बाकी अप्लायंस को 80% की छूट पर घर ला सकते हैं. यहां से टीवी, पंखा, फ्रिज, एसी और वाशिंग मशीन, सबकुछ काफी कम दाम पर मिल जाएगा. अब धीरे-धीरे एयर कंडिशन का मौसम चला जाएगा, और फिर ठंड आते ही पंखे भी बंद कर दिए जाएंगे. ऑफ सीजन में इलेक्ट्रॉनिक सामान काफी कम दाम पर मिलते हैं, लेकिन अभी तो सीज़न खत्म भी नहीं हुआ है और ग्राहक एसी को अच्छे डिस्काउंट पर घर ला सकते हैं. सेल में 1.2 या उससे कम टन के स्प्लिट एसी को काफी अच्छे ऑफर के साथ घर लाया जा सकता है.

MarQ by Flipkart 2024 स्प्लिट एसी 1.5 टन का है, और ये 4 इन 1 कन्वर्टेबल टर्बो कूल टेक्नोलॉजी के साथ आता है. इसे 44% के डिस्काउंट पर घर लाया जा सकता है. छूट के बाद ग्राहक इसे 50,999 रुपये के बजाए 28,490 रुपये में खरीदा जा सकता है. इसे एक्सचेंज ऑफर के तहत 5,100 रुपये की छूट पर भी घर लाया जा सकता है.

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Godrej 5 in 1 कन्वर्टेबल कूलिंग 2024 मॉडल 1.5 टन 3 स्टार स्प्लिट इन्वर्टर एसी को 32% के डिस्काउंट पर घर लाया जा सकता है. छूट के बाद ग्राहक इसे 46,900 रुपये के बजे 31,490 रुपये में घर लाया जा सकेगा. एक्सचेंज ऑफर के तहत एसी को 5,100 रुपये की छूट पर घर लाया जा सकता है.

Dainik 2023 मॉडल 1.5 टन 3 स्टार स्प्लिट इन्वर्टर एसी को 36% के डिस्काउंट पर खरीदा जा सकता है. एसी को 58,400 रुपये के बजाए 36,990 रुपये में घर लाया जा सकता है. एसी को एक्सचेंज ऑफर पर 5,100 रुपये की छूट पर खरीदा जा सकता है.

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IFB AI कन्वर्टेबल 8 इन 1 कूलिंग 2024 मॉडल 1.5 टन 5 स्टार स्प्लिट इन्वर्टर एसी को 45% के डिस्काउंट पर खरीदा जा सकता है. छूट के बाद ये एसी 74,990 रुपये के बजाए 40,990 रुपये में घर लाया जा सकता है. इसे 4,555 रुपये प्रति महीने की नो-कॉस्ट EMI पर भी घर लाया जा सकता है.

Tata Curvv: फुल चार्ज में 500 KM का माइलेज, 8 सेकंड में 100 KMPH की रफ्तार, तहलका मचाने आ गई टाटा की ये कार

Tata Curvv Launch: 15 मिनट की चार्जिंग में 150 किलोमीटर चलने वाली टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक कार टाटा कर्व (Tata Curvv) लॉन्च हो गई है. खास बात है कि भारतीय बाजार में यह पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी कूपे कार है. इसमें 6 एयरबैग और ADAS समेत 60 से ज्यादा एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स मिलेंगे. यह कार आइस और ईवी के दो वर्ज़न्स में उपलब्ध होगी. देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स, Tata Curvv EV के लॉन्च के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट का विस्तार कर रही है. नेक्सॉन ईवी, टियागो ईवी, पंच ईवी और टिगोर ईवी जैसे मॉडलों के साथ टाटा मोटर्स ने पहले से इंडियन ईवी मार्केट में अपनी पॉजिशन को मजबूत बनाकर रखा है.

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Tata Curvv में क्या खास

टाटा मोटर्स ने यह कार पहली बार 2022 में ऑटो एक्सपो में दिखाई थी. इसके बाद से ही लोग इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे. टाटा कर्व ईवी कई फीचर्स से लैस. इसका डिज़ाइन से लेकर इंटीरियर बेहद खास है.

-Tata Curvv की सबसे बड़ी खासियत इसका माइलेज है. कंपनी का दावा है कि यह एसयूवी एक बार फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर तक दौड़ेगी.

-कर्वव ईवी की रेंज 585 किमी होने का दावा किया गया है. कंपनी का कहना है कि यूजर्स रीयल लाइफ में 400-425 किमी के बीच की रेंज की उम्मीद कर सकते हैं.

-टाटा कर्व में 12.3-इंच का टचस्क्रीन, AC के लिए टच कंट्रोल्स और पैनारॉमिक सनरूफ़ शामिल हैं. इसमें नेक्सॉन की तरह सेंटर कंसोल, ड्राइव मोड सिलेक्टर समेत वायरलेस चार्जर और स्टार्ट-स्टॉप बटन जैसे फीचर्स शामिल हैं.

-टाटा कर्वव ईवी दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ मिलेगी. इसमें एक 45 kWh पैक जिसकी रेंज 502 किमी है और दूसरा 55 kWh पैक है जिसमें 585 किमी की रेंज का दावा किया गया है.

-टाटा कर्ववी ईवी में 18 इंच के व्हील और 190 मिमी का ग्राउंड क्लीयरेंस मिलता है. इस गाड़ी में 500 लीटर का बूट स्पेस भी है.

 

-यह गाड़ी 123 kWh मोटर से लैस होगी, जिससे केवल 8.6 सेकंड में टाटा कर्व 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ने में सक्षम होगी.

क्या है Tata Curvv का प्राइस

टाटा मोटर्स ने कर्वव ईवी को 17.49 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत के साथ बाजार में उतारा है. इसके अलावा, टॉप-स्पेक लॉन्ग-रेंज एडिशन का प्राइस 21.99 लाख रुपये होगा. इस कूप एसयूवी कार की बुकिंग 12 अगस्त, 2024 से शुरू होगी.

अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ से अलग किए जाने के बाद अदाणी विल्मर के शेयरों में 5 फ़ीसदी उछाल

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अदाणी समूह की फ़्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ द्वारा अपने फ़ूड-एफ़एमसीजी डिवीज़न अदाणी विल्मर तथा अदाणी कमोडिटीज़ एलएलपी में अपने रणनीतिक निवेश को डीमर्ज (Demerge) किए जाने की घोषणा के बाद अदाणी विल्मर के शेयरों में शुक्रवार को सुबह के कारोबारी सत्र के दौरान 5 फ़ीसदी का उछाल दर्ज किया गया.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कंपनी का शेयर 4.82 फ़ीसदी चढ़कर ₹365.15 पर पहुंच गया, जबकि BSE में अदाणी विल्मर के शेयर 4.61 फ़ीसदी बढ़कर ₹364.25 पर पहुंच गए. वैसे, दिन के समय BSE सेंसेक्स बेंचमार्क 715.41 अंक या 0.87 प्रतिशत गिरकर 81,152.14 पर कारोबार कर रहा था, जबकि 50 शेयरों वाला NSE निफ्टी 218.15 अंक या 0.87 प्रतिशत फिसलकर 24,792.75 पर आ गया था.

इससे पहले, अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ ने घोषणा की थी कि खाद्य उत्पादों से जुड़ी दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाली अपनी इकाई अदाणी विल्मर को अलग करेगी. साथ ही कंपनी अपना रणनीतिक निवेश अदाणी कमोडिटीज़ एलएलपी के बजाय अदाणी विल्मर लिमिटेड में खुद करेगी.

अदाणी विल्मर के निदेशक मंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस पहल का मकसद खाद्य उत्पाद कारोबार पर ध्यान देना और शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजित करना है.

अदाणी विल्मर, अदाणी समूह और सिंगापुर के विल्मर ग्रुप का संयुक्त उद्यम है. दोनों की इस कंपनी में 43.94-43.94 प्रतिशत की बराबर हिस्सेदारी है. शेष 12 प्रतिशत हिस्सेदारी लोगों के पास है.

कारोबार अलग होने के बाद अदाणी विल्मर, अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ की संयुक्त उद्यम नहीं रह जाएगी. अदाणी विल्मर में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटकर 76.76 प्रतिशत रह जाएगी, जो वर्तमान में 87.87 प्रतिशत है.

अदाणी विल्मर खाद्य तेल और अन्य खाद्य उत्पादों की बिक्री फॉर्च्यून ब्रांड के तहत करती है. अदाणी विल्मर ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि निदेशक मंडल ने अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड और अदाणी विल्मर तथा उनके संबंधित शेयरधारकों तथा कर्जदाताओं के बीच योजना को मंजूरी दे दी है.

इस योजना में अदाणी विल्मर द्वारा अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ के इक्विटी शेयरधारकों को इक्विटी शेयर जारी करने का भी प्रस्ताव है. अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ के शेयरधारक (प्रवर्तक / प्रवर्तक समूह के शेयरधारकों सहित) सीधे अदाणी विल्मर में शेयर रखेंगे.

अदाणी विल्मर, अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ के शेयरधारकों को प्रत्येक 500 इक्विटी शेयरों के लिए कंपनी के 251 इक्विटी शेयर जारी करेगी.

सूचना में कहा गया है कि इस पहल का मकसद खाद्य कारोबार पर ध्यान देना और शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजित करना है. कंपनी के बयान के मुताबिक, कारोबार को अलग करना अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड की ‘इनक्यूबेशन’ यानी नई कंपनी को आगे बढ़ाने की रणनीति के अनुरूप है. इस रणनीति में आत्मनिर्भर होना और उचित रूप से स्थापित होने के बाद व्यवसाय को अलग करना शामिल है. पहले AEL आत्मनिर्भर होने पर अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन्स (पहले अदाणी ट्रांसमिशन) व्यवसायों को अलग कर चुकी है.

(इनपुट भाषा से भी)


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बजट में सरकार ने बदला टैक्‍स का नियम, अब आयकर विभाग भेजेगा धड़ाधड़ नोटिस, कहीं आप भी तो लपेटे में नहीं

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हाइलाइट्स

पुराने मामलों में टैक्‍स नोटिस भेजने के लिए बचा है कम समय. अब पांच साल पुराने मामलों को ही दोबारा खोला जा सकता है. पहले दस साल तक के मामलों की दोबारा हो सकती थी जांच.

नई दिल्ली. इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा खत्‍म हो चुकी है. अब अगले एक महीने में धड़ाधड़ इनकम टैक्‍स नोटिस आ सकते हैं. ऐसा होगा सरकार द्वारा टैक्‍स के संबंध में बदला गया एक नियम. बजट में घोषित संशोधित नियमों के मुताबिक, आयकरदाता द्वारा छिपाई गई रकम अगर 50 लाख रुपये से अधिक है तो टैक्स अधिकारी टैक्सपेयर्स का पांच साल पुराना रिकार्ड ही दोबारा चेक कर सकते हैं. अब तक यह अवधि दस साल थी. इसी तरह अगर छिपाई गई रकम ₹50 लाख से कम है तो टैक्स अधिकारी केवल तीन साल पुराने मामले को ही खंगाल सकते हैं. नए नियम सितंबर से लागू होंगे.आशंका जताई जा रही है कि रिएसेसमेंट के नए नियमों के चलते कई लोग टैक्स दायरे से बाहर हो सकते हैं. इसीलिए अब पुराने मामलों में टैक्‍स नोटिस भेजने के लिए टैक्‍स अधिकारियों के पास बस 31 अगस्‍त तक का समय है.

आयकर विभाग आमतौर पर मार्च के आसपास पिछले वर्ष के लिए रिएसेसमेंट नोटिस भेजता रहा है. लेकिन अब बजट में रिएसेसमेंट की अधिकतम अवधि को घटाकर पांच वर्ष कर दिया गया है. इसलिए अब उन्हें अगले कुछ हफ्तों में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2017-18 के लिए टैक्स और इनकम मिसमैच का डेटा खंगालना होगा और अनियमितता मिलने पर 31 अगस्‍त तक हर हाल में नोटिस भेजने होंगे. अगर वे ऐसा करने में विफल रहे तो एक सितंबर को नए नियम लागू होने की वजह से पांच साल पुराने मामले को लेकर नोटिस आयकरदाता को नहीं दे पाएंगे.

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धारा 148 और 148ए के तहत भेजे जाते हैं नोटिस
टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बैंकों, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और इनवेस्टिगेशन विंग के इनपुट के आधार पर रिएसेसमेंट के केस बनाता है. इनकम टैक्‍स अधिनियम की धारा 148 या 148ए के तहत विभाग रिएसेसमेंट के नोटिस भेजता है. कानून टैक्सपेयर्स को अपनी बात रखने का अधिकार देता है. टैक्स अधिकारियों के एक संगठन ने सीबीडीटी के अध्यक्ष को दिए गए ज्ञापन में कहा कि एक महीने की अवधि के भीतर बड़ी संख्या में नोटिस भेजना असंभव होगा. यह प्रक्रिया अगस्त के अंत तक पूरी नहीं हो सकती. अधिकारियों ने सीबीडीटी से नए नियमों को लागू करने की तारीख आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है.

आ सकती है नोटिसों की बाढ
लॉ फर्म खेतान एंड कंपनी के पार्टनर आशीष मेहता ने कहा कि अगस्त में रिएसेसमेंट नोटिसेज की बाढ़ आ सकती है. ये नोटिस एसेसमेंट ईयर 2018-19 और उससे पहले के लिए हो सकते हैं. सीए फर्म चोकशी एंड चोकशी के पार्टनर मितिल चोकशी ने कहा कि रिएसेसमेंट की अवधि को पांच साल तक सीमित करना एक अच्छा निर्णय है. इससे मुकद्दमे बाजी कम होगी और आम आयकरदाता को राहत मिलेगी. अगर आयकर विभाग को लगता है कि इससे आय का वास्तविक नुकसान हो सकता है तो सरकार को टैक्‍स चोरी रोकने को सख्त मापदंड बनाने चाहिए और कुछ मामलों को खोलने की अनुमति देने का प्रावधान कर देना चाहिए.

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ये छोटू पावर बैंक लैपटॉप को भी तेजी से कर देगा चार्ज, शॉर्ट सर्किट से भी मिलेगा प्रोटेक्शन, कीमत 2 हजार से कम

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नई दिल्ली. Ambrane ने भारत में अपना नया PowerLit 30 पावर बैंक लॉन्च किया है. सिर्फ 190 ग्राम वजन वाले इस कॉम्पैक्ट डिवाइस में 10,000mAh की बैटरी है और ये 30W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट भी करता है. PowerLit 30 में फास्ट चार्जिंग कैपेबिलिटी है, जिससे 30 मिनट के भीतर iPhone 15 को 57% और MacBook Air को 50% तक चार्ज करने में सक्षम है. येह कई फास्ट-चार्जिंग प्रोटोकॉल को सपोर्ट करता है, जिससे ये कई तरह के डिवाइस के साथ कंपैटिबल भी है.

इस पावर बैंक में Type-C और USB-A दोनों पोर्ट शामिल हैं, जो वर्सेटाइल चार्जिंग सॉल्यूशन ऑफर करते हैं. ये ओवरचार्जिंग और शॉर्ट सर्किट को रोकने के लिए सेफचार्ज टेक्नोलॉजी से भी लैस है, जो यूजर्स की सेफ्टी को बढ़ाता है. PowerLit 30 BIS-सर्टिफाइड है और 180 दिन की वारंटी के साथ आता है, जो यूजर्स के लिए विश्वसनीयता और मन की शांति सुनिश्चित करता है.

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PowerLit 30 की 1,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है. ग्राहक इसे Amazon.in और Ambrane की आधिकारिक वेबसाइट से खरीद सकते हैं. ये ब्लैक और पर्पल कलर ऑप्शन्स में उपलब्ध है.

आपको बता दें कि Ambrane ने हाल ही में AeroSync Duo MagSafe 2-in-1 वायरलेस चार्जर स्टैंड भी लॉन्च किया है, जो 20W का कुल आउटपुट देता है, जिससे एक साथ iPhone और AirPods को चार्ज किया जा सकता है. LED इंडिकेटर के साथ ड्यूरेबल मेटल से बना ये स्टैंड 27W टाइप-C PD इनपुट का इस्तेमाल करके 15W मैगसेफ और 7.5W क्यूआई चार्जिंग को सपोर्ट करता है. इसमें ओवर-वोल्टेज, ओवर-करंट, ओवरहीटिंग और शॉर्ट सर्किट से सेफ्टी के लिए सेफचार्ज टेक्नोलॉजी भी है.

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125 सीसी में ढूंढ रहे हैं दमदार मोटरसाइकिल, तो ये हैं 5 बेहतरीन ऑप्शन

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देश में बड़ी संख्‍या में लोग ऑफिस आने-जाने के साथ कई कामों के लिए बाइक का उपयोग करते हैं. ऐसे में लोगों की चाहत होती है कि बाइक में दमदार इंजन के साथ माइलेज और बेहतर लुक्स भी मिल जाएं. वैसे तो मार्केट में कई 125cc वाली बाइक्स उपलब्ध हैं लेकिन ये तीनों खूबियां केवल कुछ ही बाइक्स दे पाती हैं. हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि बाजार में किन 5 बाइक्‍स को 125cc सेगमेंट में इन खूबियों के साथ ऑफर किया जाता है.

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Iranian Airspace Use Air India Says Some West-bound Flights Planned Along Safe Alternative Route Amid Middle East Crisis Iran-Israel War – Middle East Crisis: Air India ने अल्टरनेटिव रूट के जरिये कुछ फ्लाइट के ऑपरेशन की बनाई योजना

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Middle East crisis: Air India ने अल्टरनेटिव रूट के जरिये कुछ फ्लाइट के ऑपरेशन की बनाई योजना

Air India भारत में आवाजाही के लिए अपनी कुछ इंटरनेशनल फ्लाइट अल्टरनेटिव फ्लाइट रूट पर संचालित कर रहा है.

नई दिल्ली:

एयर इंडिया (Air India) ने पश्चिम की ओर जाने वाली कुछ उड़ानों की योजना सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग (Safe Alternative Route) के साथ बनाई है. कुछ फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट ने मंगलवार को बताया कि मिडिल ईस्ट में तनाव (Middle East crisis) के बीच एयर इंडिया की कम से कम तीन फ्लाइट (Air India Flights)  ने ईरानी एयरस्पेस (Iranian airspace) का उपयोग किया. इस बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऑपरेशन रिस्क एसेसमेंट (Operational Risk Assessment) के तहत हमने पश्चिम की ओर जाने वाली कुछ फ्लाइट की योजना एक सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग के साथ बनाई है. इस रुट का उपयोग दूसरी एयरलाइंस भी करती हैं.

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच रुट में बदलाव

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इससे पहले पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव (Middle East Conflict) के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के ऑपरेशन (International Flight Operations) को लेकर अपने स्तर पर रिस्क एसेसमेंट करने के लिए कहा था. एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो सहित कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने पश्चिमी देशों के लिए अल्टरनेटिव फ्लाइट रूट को चुना है.

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव (Iran-Israel Tensions) को देखते हुए एयरलाइंस अपनी उड़ानों का संचालन ईरान के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं कर रही हैं.

नागर विमानन मंत्रालय ने एयरलाइंस को दी ये सलाह

नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम ने कहा कि सभी एयरलाइंस को अपने फ्लाइट ऑपरेशन के संबंध में अपना जोखिम मूल्यांकन खुद करने के लिए कहा गया है.उन्होंने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) सभी एयरलाइंस के साथ सहयोग और बातचीत कर रहा है. वह विदेश मंत्रालय के साथ भी संपर्क में है. पश्चिम एशिया में संकट बढ़ने के बीच मंत्रालय या डीजीसीए की तरफ से सभी एयरलाइंस को कोई सलाह दिए जाने के सवाल पर सचिव ने यह जानकारी दी. 

एयर इंडिया ने तेल अवीव के लिए फ्लाइट अस्थायी रूप से सस्पेंड की

बता दें कि एयर इंडिया भारत में आवाजाही के लिए अपनी कुछ इंटरनेशनल फ्लाइट अल्टरनेटिव फ्लाइट रूट पर संचालित कर रहा है. विस्तारा ने भी पश्चिम एशिया संकट (Middle East Tensions) के कारण अपनी कुछ उड़ानों के मार्गों में बदलाव किया है. हालांकि,इजराइल और ईरान में बढ़ते तनाव (Iran-Israel war) के बीच एयर इंडिया ने रविवार को तेल अवीव के लिए उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया. एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली से तेल अवीव के लिए डायरेक्ट फ्लाइट्स (Delhi to Tel Aviv Flights) फिलहाल सस्पेंड रहेंगी. एयर इंडिया दिल्ली और इजराइल(Delhi to israel Flight) के शहर के बीच चार साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती है.

टाटा समूह (Tata Group) के स्वामित्व वाली कंपनी ने लगभग पांच महीने के अंतराल के बाद तीन मार्च को तेल अवीव के लिए सेवाएं बहाल की थीं.इजरायल के शहर पर हमास के हमले के बाद एयर इंडिया ने पिछले साल सात अक्टूबर से तेल अवीव के लिए फ्लाइट सस्पेंड कर दी थीं.

कच्चे तेल और ATF की कीमतों पर भी पड़ेगा दबाव

रेटिंग एजेंसी इक्रा के उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट रेटिंग प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने पश्चिम एशिया संकट पर कहा कि कमर्शियल एयरलाइन को ‘नो फ्लाई’ रेगुलेशन का पालन करने के लिए लंबा रूट अपनाना पड़ सकता है, जिससे ईंधन खर्च (Fuel Expenses) बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर समस्या बनी रही तो इसका प्रभाव निकटवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर भी पड़ेगा. भू-राजनीतिक घटनाक्रम से कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) और विमान ईंधन यानी एटीएफ की कीमतों (ATF prices) पर भी दबाव पड़ेगा.

 

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